शरद पवार को बड़ा झटका,असली एनसीपी पार्टी बनी अजीत पवार की चुनाव आयोग का फैसला, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में जुटे शरद पवार गुट.
मुंबई: एनसीपी पार्टी में विभाजन के बाद दोनों गुटों की तरफ से चुनाव चिन्ह को लेकर दावेदारी की जा रही थी। 6 महीने चली 10 सुनवाई के बाद आखिरकार भारत निर्वाचन आयोग ने 6 फरवरी मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए अजित दादा पवार गुट की एनसीपी को असली एनसीपी करार दे दिया है। साथ ही निर्वाचन आयोग ने शरद पवार को नए राजनीतिक दल के लिए 7 फरवरी की दोपहर 4:00 बजे तक तीन नाम देने को कहा है। महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए चुनाव होने हैं। इसे देखते हुए शरद पवार गुट को चुनाव संचालन नियम 1961 के नियम 39 का पालन करने के लिए यह खास हिदायत दी है। आयोग ने कहा कि विधायक की संख्या के बहुमत ने अजित पवार गुट को एनसीपी का नाम और चुनाव चिन्ह हासिल करने में मदद की है। अजीत पवार 2 जुलाई 2030 को एनसीपी के आठ विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने अपने साथ एनसीपी के 40 विधायकों का समर्थन का दावा किया था। गठबंधन सरकार में अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। शरद से बगावत के बाद अजित पवार ने 30 जून को दावा किया था कि बहुमत उनके पास है। इसलिए पार्टी पर उनका अधिकार है आयोग ने याचिका दायर कर अजीत पवार ने 9 हजार से ज्यादा दस्तावेज भी पेश किए थे। चुनाव आयोग के फैसले पर शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि जो शिवसेना के साथ हुआ है वही आज हमारे साथ हो रहा है। इसीलिए यह कोई नया आदेश नहीं है बस नाम बदल गए हैं, लेकिन फैसला पुराना है शरद पवार पार्टी तो फिर से बना लेंगे वहीं दूसरी ओर शरद पवार गुट के जितेंद्र अवार्ड ने कहा कि यह होना ही था हमें पहले से पता था आज अजीत पवार ने शरद पवार को राजनीतिक गला घोट दिया है। यह चुनाव आयोग के लिए शर्मिंदगी की बात है शरद पवार फिटनेस है वह राख से फिर उठ खड़े होंगे हमारे पास अभी भी शक्ति है क्योंकि हमारे पास शरद पवार हैं इस फैसले के खिलाफ हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे