मुंबई में व‍िकास ने पकड़ी रफ्तार, द‍िसंबर तक मल्‍ट‍िमॉडल कॉर‍िडोर के ल‍िए न‍िव‍िदा

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मुंबई
व‍िरार-अलीबाग मल्टिमॉडल मॉडल कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण का काम सिडको की हामी भरने के बाद से आसान हो गया है। काम को आगे बढ़ाते हुए मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने दिसंबर तक निविदाएं मंगाने की बात कही है। सिडको ने परियोजना की 60 प्रतिशत जमीन देने के लिए हामी भर दी है, इससे परियोजना की 80 प्रतिशत रुकावटें खत्म हो गई हैं।
13000 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता
एमएमआरडीए द्वारा विरार-अलीबाग के बीच 16 लेन के मल्टिमॉडल कॉरिडोर बनाने पर काम किया जा रहा है। इस कॉरिडोर के लिए एमएमआरडीए को कुल 1300 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है, जिसे हासिल करने में नोडल एजेंसी को कई रुकावटों का सामना करना पड़ रहा था। इस कॉरिडोर का 60 प्रतिशत हिस्सा सिडको की जमीन पर है, जिसे लेकर दोनों उपक्रमों के बीच कई बार बैठकें हुईं। अंतिम बैठक में सिडको प्रबंधन ने जमीन देने पर सहमति जताई है। हालांकि इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय होना बाकी है, लेकिन परियोजना से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिडको 600 हेक्टेयर जमीन देने के लिए राजी है। इस तरह, परियोजना की सबसे बड़ी रुकावट कुछ हद तक दूर हो गई है।

583 हेक्टेयर जमीन का रास्ता पहले ही साफ
एमएमआरडीए के अनुसार, इसके अलावा 600 हेक्टेयर जमीन को लेकर सिडको की सहमति से परियोजना को पंख लग गए हैं। इसके अलावा जरूरत की 583 हेक्टेयर जमीन का कुछ हिस्सा निजी और कुछ सरकारी है। इसका अधिग्रहण करने के लिए भी कागजी कार्रवाई शुरू हो चुकी है। इसमें से 180 हेक्टेयर फॉरेस्ट विभाग की जमीन है, जबकि अन्य भूखंड निजी जमीन मालिकों के हैं। विरार-अलीबाग कॉरिडोर 32 गांवों के साथ-साथ, महामार्ग एनएच-8, भिवंडी बाइपास, एनएच-3,एनएच-4 और एनएच-4बी से होकर गुजरेगा।

दिसंबर तक निविदा
परियोजना से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निविदा प्रक्रिया के लिए सोमवार को एमएमआरडीए अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें जमीन अधिग्रहण और निविदा प्रक्रिया पर चर्चा हुई। इसके बाद अधिकारी दिसंबर तक परियोजना की निविदा प्रक्रिया के लिए राजी होने की बात भी अधिकारी ने कही है।

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