उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मौत हो गई।

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उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात मौत हो गई।

बाहुबली मुख्तार अंसारी करीब 20 वर्षों से जेल में बंद है। वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में थे। 

गुरुवार देर रात उनकी मौत हो गई। जिसके चलते प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है। कई स्थानों पर भारी फोर्स तैनात कर दिया गया। बताया जा रहा है गुरूवार को जेल की बैरक में मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब होने पर जेल प्रशासन उन्हें रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले आया जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही थी। सूचना मिली कि मुख्तार अंसारी को आईसीयू से सीसीयू में भर्ती करना पड़ा। यहां मुख्तार के इलाज में 9 डॉक्टरों की टीम लगाई गई थी। लेकिन इलाज़ के दौरान उनकी मौत हो गई। डॉक्टर्स का कहना था उनकी हार्ट अटैक से मौत हुई है जबकि परिजनों ने आरोप लगाया उनको जहर देकर हत्या की गई है। परिजनों का कहना है कि पहले ही उन्होंने जहर देने की बात कहीं थीं। हफ्ताभर पहले बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद उन्हें बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराए जाने की जानकारी सोमवार देर रात बांदा पुलिस के माध्यम से कोतवाली पुलिस को मिली। इसके बाद पुलिस ने उनके बड़े भाई व बसपा सांसद अफजाल अंसारी को इसकी सूचना दी थीं। सूचना पर उनके बड़े भाई बांदा पहुंचे थे। गुरूवार को तबियत खराब होने पर उन्हें मेडीकल कॉलेज में भर्ती कराया गया लेकिन उनकी मौत हो गई। शुक्रवार को दोपहर एक बजे तीन मजिस्ट्रेट पांच सदस्यीय डॉक्टरों के पैनल ने सीएमओ समेत आला अफसरों की निगरानी में पोस्टमार्टम किया गया। जिसमें उनकी मौत हृदय गति रुकने से ही होने की पुष्टि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल ने की है।

 

क्या बाहुबली को मारने की साजिश हुई?

मुख्तार अंसारी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल ने की है। शुक्रवार को दोपहर एक बजे तीन मजिस्ट्रेट, पांच सदस्यीय डॉक्टरों के पैनल ने सीएमओ समेत आला अफसरों की निगरानी में पोस्टमार्टम शुरू किया। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बेटा-बहू ही आए। पोस्टमार्टम के दौरान बेटे उमर अंसारी बोले कि यकीन है कि ये स्वाभाविक मौत नहीं हत्या है।उमर अंसारी ने कहा कि अधिवक्ताओं से सलाह लेकर न्याय मांगेंगे। पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार अंसारी का शव शुक्रवार की शाम को कड़ी सुरक्षा के साथ तकरीबन सौ वाहनों के काफिले के साथ चित्रकूट व प्रयागराज के रास्ते गाजीपुर रवाना किया गया। सुरक्षा के लिहाज से कस्बे में चप्पे-चप्पे पर पुलिस के साथ ही अर्द्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती रही। मुख्तार का शव एंबुलेंस से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रात डेढ़ बजे के करीब उनका शव उनके पैतृक कस्बा मुहम्मदाबाद के आवास पर पहुंचा। शव आने की सूचना पर हजारों की संख्या में समर्थक जुट गए। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस के साथ ही अर्धसैनिक बल के जवानों की तैनाती की गई है। शनिवार को कालीबाग कब्रिस्तान में उनके पिता सुब्हान उल्ला अंसारी व मां बेगम राबिया खातून की कब्र के समीप सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान भीड़ देखकर डीएम और उनके भाई में नोक झोंक हो गई। जिस पर डीएम ने धारा 144 लागू होने पर वीडियो ग्राफी करते हुए कार्यवाही की तैयारी शुरू कर दी।

मुख्तार अंसारी की मौत पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। उन्हें वॉमिट हुई थी और बेचैनी लगी थी, जिसके चलते अस्पताल ले जाया गया था। बताया जा रहा है कि इससे पहले भी मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ी थी। पेट दर्द की शिकायत हुई थी, लेकिन अब अचानक मुख्तार अंसारी की मौत ने कई तरह के सवाल खड़े किए हैं। मुख्तार के परिजनों ने दावा किया है कि उन्हें जेल में स्लो पॉइजन दिया जा रहा था, इसी वजह से उसकी मौत हुई। बांदा जेल में सात अप्रैल, 2021 से बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की तबीयत गुरुवार रात बिगड़ी थी। 8:25 बजे रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया, जहां मौत हो गई। कड़ी सुरक्षा में उनका शव देर रात 12:24 बजे पोस्टमार्टम हाउस लाया गया। प्रशासन ने शुक्रवार आठ बजे से पोस्टमार्टम कराना तय किया, लेकिन डॉक्टरों के पांच सदस्यीय पैनल में एसजीपीजीआई लखनऊ के एक चिकित्सक के पहुंचने में देरी हो गई थीं।सीएमओ एके श्रीवास्तव की निगरानी में जिला अस्पताल बांदा के डॉ. एसडी त्रिपाठी, डॉ. महेश गुप्ता, डा. विकास दीप बिलाटिया और मेडिकल कालेज के डॉ. मुकेश बंसल ने पोस्टमार्टम किया। 3:52 बजे पोस्टमार्टम से बाहर निकले डॉक्टरों ने दिल की धड़कन रुकने से मौत की पुष्टि की। इसके साथ ही असल वजह जानने के लिए दिल व शरीर के अहम अंगों का बिसरा सुरक्षित कर लिया। 4:40 बजे मुख्तार का शव बेटे उमर को सौंपा गया था।

बेटे का आरोप,

मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की ओर से जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को दिए गए पत्र में कहा गया है कि उन्होंने पहले ही कोर्ट को बताया था कि पिता को जेल में जहर दिया जा रहा है। दिल्ली एम्स के डॉक्टरों से पोस्टमार्टम कराएं। उसने आरोप लगाया कि दबाव के चलते इलाज सही नहीं हुआ। पत्र में ये भी बताया कि 21 मार्च को ही बाराबंकी और मऊ एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी के दौरान अधिवक्ता ने जहर दिए जाने की जानकारी दी थी। 40 दिन पहले भी उन्हें जहर दिया गया था। 26 मार्च को हालत बिगड़ने पर अस्पताल पहुंचा पर पिता से मिलने नहीं दिया गया। अधिकारी इस संबंध में चुप्पी साधे रहे।

मुख्तार अंसारी को सुपुर्द-ए-खाक करने के बाद उनके भाई और सांसद अफजाल अंसारी और गाजीपुर जिलाधिकारी आर्यका अखौरी के बीच जबरदस्त बहस हुई बता दें कि हजारों लोगों के सामने मुख्तार अंसारी के सांसद भाई अफजाल और गाजीपुर डीएम एक-दूसरे के साथ काफी बहस करते हुए नजर आए थे. दोनों के बीच हुई जबरदस्त बहस हुई ये बहस मुख्तार अंसारी की कब्र पर मिट्टी डालने को लेकर हुई है. दरअसल धारा-144 लागू है. ऐसे में गाजीपुर डीएम का कहना था कि कब्र पर मिट्टी हर कोई नहीं डाल सकता. इस बात पर अफजाल अंसारी ने कहा कि कब्र पर मिट्टी डालने से कोई नहीं रोक सकता. डीएम आर्यका अखौरी ने अफजाल अंसारी से कहा कि धारा-144 लागू है. ऐसे में ज्यादा भीड़ जमा नहीं कर सकते. इस बात पर अफजाल अंसारी ने कहा लोगों को कब्र पर मिट्टी डालने से नहीं रोका जा सकता. अफजाल अंसारी ने साफ कहा कि ये रीति रिवाज है. ये करने से लोगों को नहीं रोका जा सकता.इस पर डीएम ने कहा कि आपने इसकी कोई इजाजत नहीं ली है. पूरा कस्बा मिट्टी नहीं देगा. परिवार और खास लोग ही कब्र पर मिट्टी दे सकते हैं. इस पर अफजाल अंसारी ने डीएम से कहा कि सिर्फ कस्बा ही नहीं, जहां का भी कोई शख्स मिट्टी देना चाहेगा, वह यहां आकर मिट्टी देगा. अफजाल अंसारी ने कहा कि धारा-144 लगने के बाद भी किसी को जनाजे और कब्र पर मिट्टी डालने से नहीं रोका जा सकता.

डीएम बोलीं- सब पर FIR होगी

अफजाल अंसारी के ये कहने के बाद गाजीपुर डीएम आर्यका अखौरी ने कहा कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी. आप सभी पर FIR दर्ज की जाएगी. इसपर अफजाल अंसारी ने डीएम से कहा कि आप FIR कर लीजिएगा. मगर मिट्टी देने से आप नहीं रोक सकती।

मुख्तार अंसारी की मौत के बाद कोई कहा रहा है की उसका बुरा अंत तो कोई मुख्तार अंसारी गरीबों के लिए मसीहा और यह जनाजे में उमड़ी भीड़ ने लोगों को हैरत में डाल दिया की एक अपराधी के जनाजे में इतनी भीड़ क्या वजह है इस पर लोग उन्हें गरीबों का मसीहा कहते नहीं चूक रहे। लोगों का कहना है की मुख्तार अंसारी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए गाज़ीपुर क्षेत्र में जाएं और वहाँ के मुस्लिमों से नहीं बल्कि दूसरे धर्मों के लोगों से पूछें वो बताएँगे की वो उनके लिए क्या थे?जो व्यक्ति 2007, 2012 और 2017 का विधान सभा चुनाव जेल में रह कर जीता हो उसे डॉन और माफ़िया कह सकते हो लेकिन वो ग़रीबों और मज़लूमों के लिए मसीहा बने रहें। लोग कहें रहे हैं कि कभी पूर्वांचल के मऊ, ग़ाज़ीपुर, आज़मगढ़, बनारस के किसी मज़लूम से पूछना मुख़्तार कौन था, किसी की बहन-बेटी पर बुरी नज़र डालने की किसी कीहिम्मत नहीं होती थी।

 

पुलिस ने अपराध से अर्जित की गई संपत्ति के खिलाफ भी जबरदस्त कार्रवाई की। मुख्तार व उसके गिरोह की अब तक 605 करोड रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त व ध्वस्त कराई गई। इनमें से लगभग 318करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है, जबकि 287 करोड़ सेअधिक की संपत्ति ध्वस्त व अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई है। पुलिस ने गिरोह के 215 करोड़ रुपये के अवैध कारोबार को बंद करा दिया है। गिरोह की मदद करने वालों को खिलाफ कार्रवाई जारी है। पुलिस उनकी संपत्ति की जानकारी भी जुटा रही थी।

शिवपाल सिंह यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर उठाए सवाल

मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं बदायूं से सपा प्रत्याशी शिवपाल सिंह यादव ने सवाल खड़े करते हुए मौत को संदेह के घेरे में बताया है। उन्होंने कहा कि इस परिवार से हमारे बहुत अच्छे रिश्ते थे इस परिवार का आजादी की लड़ाई में भी बहुत बड़ा योगदान रहा था। इनकी मौत संदेह के घेरे में है। न्यायालय को स्वत इसका संज्ञान लेना चाहिए।

 

यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर का बयान सामने आया है.उन्होंने मुख्तार को गरीबों का मसीहा बताया और कहा कि वो क्रांतिकारी थे. मैंने उन्हें लेकर जो भी बयान दिया है मैं उस पर कायम हूं.

मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने अपने पिता की मौत पर कहा कि ये हत्या है. इसकी जांच होनी चाहिए. पिता ने जहर देने की बात बताई थी. जेल प्रशासन पर भी उमर ने गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि सब कुछ साफ साफ दिख रहा है. उन्होंने कहा कि मेरे पिता को खाने में जहर दिया और इलाज मुकम्मल नहीं दिया गया. यह मौत नहीं है, हत्या है. लीगल तरीके से जो जांच करवाने के प्रयास होंगे वो हम करेंगे. मुझसे साढ़े तीन बजे बात हुई तो बताया था कि मैं बेहोश हो गया. मुट्ठी नहीं बंद कर पा रहे थे कि इतनी कमजोरी थी.

 

 

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