ड्राइवर से न हो चूक इसलिए सिस्टम से आएगी आवाज, ‘आगे सिग्नल लाल है’

    0
    1209

    बीते सात दिनों में ट्रेनों के रेड सिग्नल जंप करने की तीन घटनाएं सामने आने के बाद सेंट्रल रेलवे ने मामले को गंभीरता से लिया है। रेलवे ने अब लोकल ट्रेनों में सहायक चेतावनी प्रणाली (एडब्ल्यूएस) में ध्वनि फीचर भी जोड़ने का फैसला किया है। सभी ट्रेनों में पहले ही एडब्ल्यूएस लगाया जा चुका है जो बीप और लाइट्स की मदद से आने वाले सिग्नल की चेतावनी मोटरमैन को देता है।
    एडब्ल्यूएस या सहायक चेतावनी प्रणाली न सिर्फ सिग्नल आने की चेतावनी देती है बल्कि ड्राइवर के चेतावनी के बावजूद सिग्नल तोड़ने पर इमरजेंसी ब्रेक लगा देती है। हालांकि हाल ही में सामने आए एक मामले में ड्राइवर ने बजर नहीं सुना था और इमरजेंसी ब्रेक कमांड को भी सिस्टम फॉल्ट मानते हुए रद्द कर दिया था। ऐसी स्थिति से बचने के लिए रेलवे अब वॉयस फीचर को इससे जोड़ने पर विचार कर रहा है।

    ध्वनि से जुडे़ इस फीचर को जोड़ने से ड्राइवर को सिग्नल आने पर आवाज सुनाई देगी। सिस्टम उससे कहेगा कि आगे सिग्नल लाल है। ऐसे में अगर वह गलती से सिग्नल जंप भी कर जाता है तो भी इमरजेंसी ब्रेक को कैंसल नहीं करेगा। माना जा रहा है इससे चेतावनी प्रणाली को पहले से कहीं ज्यादा प्रभावा बनाया जा सकेगा।

    शहर में हर तीन से पांच मिनट पर लोकल ट्रेनों के आने से स्पष्ट है कि सिग्नल जंप करने की स्थिति में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। फिलहाल सीआर के पास चार सिग्नल हरा, दो पीले सिग्नल, पीला और लाल हैं। दो पीले सिग्नल का मतलब अलर्ट रहना होता है जबकि एक पीले सिग्नल का मतलब होता है कि अगला सिग्नल लाल है और वहां पर रुकना है।

    LEAVE A REPLY

    Please enter your comment!
    Please enter your name here