सब्जियों की कीमतें आसमान पर बाजार में सब्ज़ीयाँ के भाव हो गए दुगने!

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मुंबई :- मौसम में तेज होते हुए बदलावों का असर सब्जियों की खेती पर भी पड़ा है. इससे सब्जियों के दामआसमान छू रहे हैं. नाशिक में सब्जी का भाव अचानक तेजी से बढ़ा है. अन्य जिलों में भी सब्जियों के भाव दुगुना हो गए हैं. बेमौसम बरसात में अनेक किसानों की फसलें तबाह हो गईं. जिनके खेतों में सब्जियां बची रह गईं उन्हें इस बढ़े हुए दामों से थोड़ी राहत मिली है. बाजार में सब्जियों की सप्लाई कम होने से किसानों को सब्जियों का सही दाम मिल पा रहा है. लेकिन महंगी सब्जियों ने शहरी आम आदमी के घर का बजट बिगाड़ दिया है. शहर में सब्जियों के दाम और पेट्रोल-डीजल के दामों में अब कोई अंतर नहीं रह गया है.

महाराष्ट्र के कई इलाकों में बैंगन 100 रुपए किलो मिल रहा है. टमाटर 80 रुपए किलो मिल रहा है. गोभी 60 रुपए किलो मिल रहा है. इसी तरह बीट 80 रुपए किलो, मिर्ची 60 रुपए और मेथी 70 रुपए किलो मिल रहा है.

सब्जी महंगी होने की वजह :

फिलहाल इस बढ़ती हुई महंगाई की वजह मौसम में बदलाव, सब्जियों के लिए खाद और बीज के दामों में बढ़ोत्तरी, सिंचाई का खर्च बढ़ना रहा है. लेकिन इस बार बेमौसम बरसात और बाढ़ ने सब्जियों की खेती तबाह कर दी. महंगाई की सबसे ज्यादा मार बैंगन पर पड़ी है. अगर मौसम में बदलाव की घटनाएं आगे भी जारी रहती हैं तो सब्जियों के भाव और ज्यादा बढ़ सकते हैं.

शादियों के मौसम में आया महंगाई का मौसम :

फिलहाल शादियों का मौसम शुरू है. ऐसे में सब्जियों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है. लेकिन सब्जियों की सप्लाई मांग के मुकाबले बढ़ने की बजाय कम हो गई है. ऐसे में फिलहाल सब्जियों के दाम कम होने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं. उल्टा मौसम की तब्दीलियों का ऐसा ही सिलसिला चलता रहा तो जल्दी ही आम आदमी के लिए सब्जियों का खर्च उठाना मुश्किल होता जाएगा.

समस्या यह है कि सब्जियों का भाव जब कम होता है तो किसानों को लागत के हिसाब से सही रेट नहीं मिल पाता है. सही रेट ना मिल पाने की वजह से औने-पौने भाव में थोक विक्रेताओं को बेचना पड़ता है. जब सब्जियों का सही रेट मिलता है तो शहरों के आम आदमी का बजट बिगड़ जाता है.

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