कर्नाटक में कांग्रेस ने जनता दल (सेक्युलर) के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी को सत्ता के शिखर तक पहुंचने से रोक दिया. विजयी रथ पर सवार बीजेपी ने हालांकि सबसे ज्यादा सीटें जीती, लेकिन बहुमत के फेर ने दक्षिण में कमल खिलाने के उसके सपने को ग्रहण लगा दिया. अब जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है, लेकिन बहुमत के बवंडर से निकलना उनके लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
दरअसल, 15 मई को नतीजे घोषित होने के बाद से कर्नाटक की जो सियासी सूरत देखने को मिली, वो कुमारस्वामी के लिए मुफीद नजर नहीं आती है. चार दिनों तक बहुमत साबित करने की जुगत में लगी रही बीजेपी से अपने विधायकों को बचाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस को पहले बेंगलुरु के रिजॉर्ट का आसरा लेना पड़ा. इसके बाद जब हालात और नाजुक देखे तो विधायकों का जत्था हैदराबाद भेजना पड़ा.