La vision tower में एक गैर-कार्यात्मक अग्निशमन प्रणाली सहित सुरक्षा उपायों की कमी के बारे में नागरिक निकाय को कई शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई!
BMC को जवाब देना होगा कि उसने La vision tower नागपाड़ा को ऑक्यूपेशन सर्टिफ़िकेट (OC) क्यों दिया और यह भी सूत्रों के अनुसार पता चला है कि फ़्लैटो के मालिक 11 साल से अवैध रूप से वहां रह रहे हैं।
बिल्डिंग को फायर ब्रिगेड से NOC के बिना OC नहीं मिल सकता है। लेकिन ऐसे मामलों में जहां मालिकों या रहने वालों ने OC के लिए आवेदन नहीं किया है, इमारतें फायर ब्रिगेड के दायरे में नहीं आती हैं। ऐसे मामलों में, यह किसकी गलती है? और रहने वालों के पास क्या विकल्प हैं? !!
मुंबई के ई वार्ड क्षेत्राधिकार में 2012/13 में एक बहुत बड़ा la vision tower बनाया गया था यह कहा जाता है कि इस इमारत का पूरा काम अंडरवर्ल्ड द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
उस समय Asst. कमिश्नर और बिल्डिंग प्रपोजल एग्जीक्यूटिव इंजीनियरों ने दिये थे कई नोटिस.
वर्ष 2013 में E Ward कार्यालय ने भी MRTP बिल्डिंग की धारा 53 के तहत नोटिस दिया था, जिसमें उच्चतम स्तर का उल्लंघन है.
इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। जब भी E ward में कोई नया अधिकारी आता है तो उन्हें उचित रिश्वत दी जाती है।
इस इमारत में fire audit से लेकर Refuge Floor तक के अधिकार हैं और इस तरह के कई उल्लंघनों को अंजाम दिया गया है और fire department ने Notice भी दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इस तथ्य के अनुसार, ये building मूल भूखंड की तुलना में बहुत अधिक क्षेत्र पर निर्मित है और यहां तक कि MCGM उद्यान पर भी कब्जा कर लिया है!
La vision tower अनुमोदित योजना (approved plan) के अनुसार निमार्ण नहीं किया गया है । सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी उच्च सुरक्षा जेल से सटे भवन में जेल की तरफ खिड़कियां और बालकनियां नहीं खोलनी चाहिए और जेल की तरफ मजबूत RCC की दीवार भी होनी चाहिए !
इस इमारत में इन सभी सहित सभी को आश्रय दिया गया है और यही कारण है कि बिल्डिंग के बगल में बने फुटपाथ पर भायखला जेल की सुरक्षा और कैदियों की सुरक्षा सवालों के घेरे में है !
जानकारी के अनुसार इस Building plan को 2006 में मंजूरी दी गई थी! और Builder ने 2010 में इस योजना को बदल दिया और चूंकि यह पूरी तरह से अवैध (illegal) था!
2012 में Building proposal department ने बिल्डिंग का दौरा किया और कहा कि पूरी बिल्डिंग गैरकानूनी है क्योंकि बिल्डिंग को मंजूर नहीं किया गया था!
2013 में, MRTP एक्ट के 53 (1) और 53 (7) के तहत बिल्डर को नोटिस जारी किया गया था और 2014 में दूसरे निरीक्षण पर कोई सुधार नहीं किया गया था और पूरी इमारत को पूरी तरह से अवैध करार दिया गया था ।
तब MCGM ने इस मुद्दे से निजात पाने के लिए इसे मुंबई पुलिस को दे दिया, लेकिन आज तक पुलिस ने बिल्डरों के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं की।
यह संभवतः अंडरवर्ल्ड का प्रभाव था कि पुलिस ने भी कार्रवाई नहीं की और आज पूरा मामला MCGM से हटा दिया गया है!
इस इमारत का कोई ब्योरा या फाइलें MCGM के ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं है!
मुंबई परिवर्तन न्यूज़