महाराष्ट्र विधान परिषद की छह सीटों पर सोमवार को जारी मतदान के बीच एक अलग राजनीतिक समीकरण बनता दिख रहा है। इस चुनाव में जहां बीजेपी और शिवसेना आमने-सामने टक्कर देने उतरे हैं वहीं शिवसेना को हराने के लिए नया पैंतरा अब सामने आया है। इस चुनाव में बीजेपी और एनसीपी साथ आ गए हैं, जिससे शिवसेना को साथ मिलकर हराया जा सके।
महाराष्ट्र में सहयोगी दल रहे बीजेपी और शिवसेना विधान परिषद चुनावों में अपने उम्मीदवारों के साथ सामने आ गए हैं। ऐसे में बीजेपी शिवसेना को जीतने का मौका देकर अपनी साख नहीं गिरने देना चाहती। यहां बड़ा दांव खेलते हुए बीजेपी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) एकसाथ आ गए हैं। राज्य में बीजेपी को झटका देते हुए शिवसेना ने दिवंगत सांसद चिंतामन वांग के बेटे श्रीनिवास वांग को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस से आए पूर्व मंत्री राजेंद्र गावित को टिकट दिया है।
24 मई को मतगणना
इससे पहले बीजेपी की ओर से शिवसेना के आगे न झुकने की बात सामने आई थी। बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन के विषय को लेकर कहा था कि बीजेपी इस बारे में शिवसेना से तब तक बात नहीं करेगी जब तक वह खुद इस बारे में पहल न करे। उन्होंने कहा था कि गठबंधन न होने की स्थिति में बीजेपी अकेले चुनाव लड़ने को भी तैयार है।
बता दें, महाराष्ट्र विधान परिषद के 21 सदस्यों का कार्यकाल इस साल खत्म हो रहा है। इसमें से 5 सदस्यों का कार्यकाल 21 जून और एक सदस्य का कार्यकाल 31 मई को खत्म होगा। इन छह सीटों के लिए मतदान के बाद 24 मई को मतगणना होनी है। महाराष्ट्र विधान परिषद में कुल 78 सीटें हैं और इसमें एनसीपी के 23 सदस्य हैं।
विधान परिषद में कांग्रेस के 19, बीजेपी के 18, शिवसेना के 9, पीआरपी और लोकभारती के 1-1 सदस्य हैं। विधान परिषद में विपक्ष का बहुमत होने से सभापति पद एनसीपी और उपसभापति पद कांग्रेस के पास है।