मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय ने 5,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी और धनशोधन मामले में दवा कंपनी ‘स्टर्लिंग बायोटेक ग्रुप’ की 4,701 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं। जांच एजेंसी के अनुसार, ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में मामला दर्ज किया था। नीरव मोदी-मेहुल चोकसी बैंक धोखाधड़ी मामले के बाद राशि के हिसाब से इस साल की यह सबसे बड़ी कुर्की है।
अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी ने ऐंटि मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) के तहत अस्थाई कुर्की का आदेश जारी किया था और इसके तहत वडोदरा स्थित समूह की करीब 4,000 एकड़ में फैली अचल संपत्ति, संयंत्र, मशीनरी, विभिन्न कंपनियों एवं प्रवर्तकों से संबद्ध करीब 200 बैंक खाते, 6.67 करोड़ रुपये की कीमत के शेयर और कई कीमती कारें जब्त कीं।
ईडी ने कहा कि स्टर्लिंग समूह द्वारा किए गए कथित सीमापार लेनदेन की जांच की जा रही है। ईडी विदेशों में कई तेल रिग्स, बार्जेस और नाइजीरिया में तेल क्षेत्र की कुर्की के लिए कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। समूह ने इन संपत्तियों में निवेश किया है। इसके अलावा ईडी समूह के विदेशों में बैंक खातों को कुर्क करने की भी तैयारी कर रहा है।
ईडी के अनुसार, उसने जुहू, मुंबई में संदेसारा हाउस, महाराष्ट्र के जालना जिले के अंबाड़ में एक फार्म हाउस, वडोदरा के अटलदारा में कंपनी का एक कार्यालय और तमिलनाडु के ऊटी में एक कारखाना भी कुर्क किया है।
इससे पहले इसी साल ईडी ने पीएमएलए के तहत हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी की 7,600 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की थीं। कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर संज्ञान लेते हुए निदेशालय ने पिछले साल अक्टूबर में कंपनी एवं इसके प्रवर्तकों नितिन और चेतन संदेसारा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज किया था। इसके बाद उसने देश में विभिन्न ठिकानों पर करीब 50 छापेमारी कीं। ईडी ने आरोप लगाया कि कंपनी एवं इसके फरार प्रवर्तकों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विभिन्न बैंकों से 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज हासिल किया था, जो बाद में एनपीए में तब्दील हो गया।
निदेशालय ने बताया कि जब तक बैंक इसे फर्जीवाड़ा घोषित करते तब तक इसके प्रवर्तक स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड, स्टर्लिंग पोर्ट लिमिटेड, पीएमटी मशींस लिमिटेड, स्टर्लिंग एसईजेड और इंफ्रास्टक्चर लिमिटेड एवं स्टर्लिंग ऑयल रिसोर्सेस लिमिटेड सहित स्टर्लिंग ग्रुप की विभिन्न कंपनियों के मद में 5,000 करोड़ से अधिक रुपये का कर्ज हासिल कर चुके थे। जांच एजेंसी ने मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दिल्ली स्थित कारोबारी गगन धवन, आंध्रा बैंक के पूर्व निदेशक अनूप गर्ग और स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड के निदेशक राजभूषण दीक्षित शामिल हैं।